दोस्तों में आज आपको नेपाल के सुंदर शहर pokhara के बारे में बताने जा रहा हूँ | पोखरा नेपाल में दूसरी सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगह है। यह 827 मीटर ऊंचाई पर स्थित है और ट्रेकिंग और रैफ्टिंग के लिए भी प्रसिद्घ है। पोखरा नेपाल के साफ एवं सुंदर शहरो में से एक शहर जो Nepal के kaski जिल्ले में है, क्यूंकि यहाँ एक साफ एवं सुंदर natural तालाब है, जिसको नेपाली भाषा में पोखरा इसका एक नाम फेवाताल भी है बोला जाता है | इसलिए इस जगह को Pokhara कहते हैं | दोस्तों भारत से पोखरा नेपाल जाने के लिए आप हवाईजहाज से या सड़क मार्ग से जा सकते हैं | सडक मार्ग से जाने के लिए आप देश के किसी भी हिस्से से Gorakhpur रेल मार्ग से पहुँच कर |
गोरखपुर से पोखरा सडक मार्ग से जा सकते हैं, गोरखपुर से पोखरा कि दुरी केवल 280 किलोमीटर है | सड़क मार्ग से जाने पर आपको गोरखपुर से सुनौली बोर्डर पहुंचना होता है | सुनौली बोर्डर पर आप भारतीय वाहन को छोड़कर नेपाली वाहन से सफ़र कर सकते हैं, या आप भारतीय वाहन को ही पोखरा ले जाना चाहते हैं तो आपको, भारतीय वाहन का नेपाल में अस्थाई परमिट लेकर जाना होगा | अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो, आप भारत के दिल्ली/मुंबई/ कोलकोता से सीधे kathmandu पहुंचकर वहाँ से पोखरा जा सकते हैं | पोखरा में आप प्राकृतिक रूप से बने मीठे पानी के इस तलाब में बोटिंग का लुत्फ़ उठाने के साथ-साथ sarangkot हाईट में जाकर वहां से सूरज के निकलने अथवा छुपते हुए सूरज के लालिमायुक्त आकाश का वो यादगार क्षण का आनंद ले सकते है |
दोस्तों नेपाल के sarangkot हाईट से आप अपने पक्षियों कि तरह उड़ने का सपना पैराग्लाइडिंग का आनंद भी उठा सकते है | फेवाताल का दृश्य और पीछे स्थित माछापुछे (6977 मीटर) पर्वत की शोभा मानो शांति और जादू के सम्मोहन में बाँध लेती है। चारों तरफ पर्वतों से घिरी पोखरा घाटी घने जंगलों, प्रवाही नदियां, स्वच्छ झीलों और विश्वप्रसिद्घ हिमालय के दृश्यों के लिए ख्यात है।फेवा झील: यह नेपाल की दूसरा सबसे बड़ा झील है जो पोखरा के आकर्षण का केंद्र है। उसका पूर्वी किनारा जो बैडैम या लेकसाइड के नाम से लोकप्रिय है। यह पर्यटकों के पसन्द का निवास स्थल है जहां अधिकतर होटल, रेस्तरां और हैंडिक्राफ्ट की दुकानें अवस्थित हैं।
बेगनास और रूपा झील: ये दोनों झील पोखरा से 15 किमी दूरी पर स्थित हैं और अपने चारों ओर स्वच्छ वातावरण के कारण पूर्णतया नैसर्गिक अनुभूति प्रदान करते हैं। वाराही मंदिर: फेवा झील के मध्य भाग में निर्मित यह पैगोडा शैली का दोमंजिला मंदिर देवी शक्ति का उपासना स्थल है।
डेविस फाल: डेविस झरना एक विस्मयकारी झरना है जो पोखरा से दो किमी दक्षिण पश्चिम में हैं।
गुप्तेश्वर गुफा: यह एक धार्मिक गुफा है जो डेविस फाल के नजदीक है। यह गुफा तीन किमी लंबी है। गुफा के अंदर एक शिवलिंग स्थित होने के कारण हिंदुओं के लिए इस गुफा का विशेष महत्व है।
विन्ध्यवासिनी मंदिर: देवी भगवती जो शक्ति का ही एक दूसरा स्वरूप समझी जाती हैं यह मंदिर उनकी पूजा का स्थल है। यह कुदरत का अद्भुत करिश्मा ही है कि 800 मीटर की ऊंचाई पर बसे पोखरा से 8000 मीटर से भी ऊंचे पहाड़ सिर्फ 25-30 किमी. की दूरी पर स्थित है।पहाड़ों के अलावा झालें, नदियां, झरनों के साथ मंदिर, स्तूप और म्यूजियम भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।यहां भी हवाई अड्डा है। सड़कें अच्छी हैं। बाजार भी सजे-धजे रहते हैं। शापिंग का भरपूर मजा लिया जा सकता है।पोखरा को झीलों का शहर कहते हैं। पोखरा में आठ झीलें हैं-फेवा, बनगास, रूपा, मैदी, दीपपांग, गुंडे, मालदी, खास्त. फेवा झील में तो बाराही मंदिर भी है, जहां लोग दर्शन करने जाते हैं. इसमें बोटिंग का मजा लिया जा सकता है. इसके अलावा बर्ड वाचिंग, स्विमिंग, सनबाथिंग आदि को अपना बना सकते हैं. यहां पर काली-गंडक नदी में विश्व में सबसे सकरी गहराई वाला स्थान है। कई नदियां भी हैं. एक है सेती नदी! नेपाली में सेती का अर्थ सफेद! अर्थात सफेद दुधिया पानी की नदी! खास बात-यह नदी कहीं अंडरग्राउंड, तो कहीं सिर्फ दो मीटर चौड़ी और कहीं-कहीं यह 40 मीटर गहरी है. महेन्द्र पुल, के.एल. सिंह ब्रिज, रामघाट, पृथ्वी चौक से इस नदी का उफान देखा जा सकता है।
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